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हमारे देश में चावल और रोटी के साथ हर घर में दाल परोसी जाती है. दाल प्रोटीन का भंडार मानी जाती है. हम आपको बता रहे हैं कि कोई व्यक्ति एक महीने तक दाल न खाए तो उसके शरीर में क्या बदलाव होगा?
किसी को अरहर की दाल तो किसी को मूंग, मसूर, उड़द और चने की दाल पसंद आती है. देसी घी का तड़का लगाकर बनाई गई दाल सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है. जो लोग नॉनवेज नहीं खाते हैं,उनके लिए दाल प्रोटीन का एक खास सोर्स मानी जाती है.
बिना दाल खाए आप डेली प्रोटीन की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकते हैं. एक महीने तक दाल नहीं खाने से आपकी मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है. खासकर उन लोगों में जो पूरी तरह से शाकाहार फूड्स पर निर्भर हैं.
यदि आप एक महीने तक दाल का सेवन नहीं करें तो आपके शरीर में प्रोटीन की कमी हो सकती है. दाल में फाइबर भी होता है और फाइबर युक्त फूड्स नहीं खाने पर कब्ज और पाचन तंत्र की समस्याएं हो सकती हैं.
दाल में पाए जाने वाले विटामिंस और मिनरल्स शरीर के लिए जरूरी होते हैं. एक महीने तक दाल नहीं खाने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हो सकती है. इसका असर ओवर ऑल हेल्थ पर पड़ सकता है.
आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी और बहुत सारे पोषक तत्वों से दाल भरपूर होती है. इसका सेवन नहीं करने से आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है.
जो लोग नॉनवेज नहीं खाते हैं उन्हें प्रोटीन के लिए दाल पर निर्भर रहना पड़ता है. यदि आप दाल खाना छोड़ देंगे तो इससे कमजोरी और मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन की समस्या हो सकती है.
कैल्शियम और फॉस्फोरस से भरपूर दाल हड्डियों को मजबूती देती है. दाल खाना छोड़ना हड्डियों के लिए नुकसानदायक हो सकता है. दाल नहीं खाने से आपका वजन भी बढ़ सकता है.
डॉक्टर हर किसी को आधा कप पकी हुई दाल प्रतिदिन जरूर खाने की सलाह देते हैं. यदि आप दाल छोड़ना चाहते हैं तो यह सुनिश्चित करें कि आपकी थाली में प्रोटीन और फाइबर के अन्य स्रोत शामिल हों. याद रखें कि संतुलित आहार ही सेहत की कुंजी है.