थायराइड एक गंभीर बीमारी है. 60 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में इस बीमारी अधिक देखने को मिलती है. इसके कई प्रकार होते हैं जैसे हाइपरथायरायडिज्म, हाइपोथायरायडिज्म, थायरॉयडिटिस और हाशिमोटो.
हाइपोथायराइड ऐसी स्थिति है जहां हमारा थायराइड ग्लैंड थायरायड हार्मोन को सही तरीके के प्रोड्यूस नहीं कर पाता है. इससे शरीर में मोटापा तेजी से बढ़ता है. आप चाहे तो कुछ जरूरी परहेज और सही लाइफ स्टाइल को अपना कर इसे आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं.
थायराइड के मरीज को फैटी, फ्राइड फूड, ज्यादा मीठी और प्रोसेस्ड फूड के साथ क्रूसिफेरस वेजिटेबल जैसे कैबेज, ब्रोकली और सोया बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए.
नमक का सेवन थायराइड में बेहद जरूरी होता है क्योंकि इससे हार्मोन के निर्माण में मदद मिलती है. आप चाहें तो समुद्री मछली, डेयरी प्रोडक्ट्स और अंडे को अपनी रोजाना डाइट में शामिल कर सकते हैं.
थायराइड के मरीजों को विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए रोजाना सुबह की मीठी धूप का आनंद लेना चाहिए.
थायराइड के मरीज को खाने में मैग्नीशियम रिच चीजें जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां पालक, मेथी और ब्रोकली के साथ सेलेनियम से भरपूर चीजें जैसे ब्राजील नट्स और दूसरे ड्राई फ्रूट्स खाने चाहिए.
थायराइड के मरीज को सुबह खाली पेट दवा खाना चाहिए ताकि दवा का असर ठीक से हो पाए. इसके साथ ही नियमित रूप से 40-45 मिनिट तक योग या व्यायाम जरूर करना चाहिए.
कैफीन और शक्कर का ज्यादा सेवन थायराइड के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकता है. थायराइड की शिकायत होने पर चाय-कॉफी का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए. शराब और ध्रूमपान से दूर रहना चाहिए.
थायराइड होने पर सूरजमुखी का तेल, सरसों का तेल, तिल का तेल या मूंगफली के तेल का इस्तेमाल करने से भी बचना चाहिए. इनकी जगह मक्खन, घी या नारियल तेल का इस्तेमाल करें.