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अगर खानपान सही रहता है तो सेहत अच्छी रहती है. लेकिन इसमें गड़बड़ी होने पर फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है. चलिए आपको बताते हैं कि फूड पॉइजनिंग क्यों बढ़ जाता है.
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बरसात के मौसम में साफ पानी की बड़ी समस्या होती है. संक्रमित पानी का इस्तेमाल करने से फूड पॉइजनिंग खतरा रहता है.
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अगर जरूरत से ज्यादा खाना खाते हैं तो भी फूड पॉइजनिंग की समस्या हो सकती है. इसलिए ज्यादा भोजन नहीं करना चाहिए.
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बरसात के मौसम में गंदगी की समस्या बढ़ जाती है. अगर खाना बनाने और खाने का बर्तन गंदा है तो फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है.
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ऐसा कई बार होता है कि हम सब्जी और फलों को बिना धोए खा लेते हैं. इससे भी फूड पॉइजनिंग हो सकता है.
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वैसे तो डेयरी और मांसाहारी चीजों को ठीक से नहीं रखने पर हर सीजन में दिक्कत होती है. लेकिन बरसात में थोड़ा ज्यादा ख्याल रखना पड़ता है.
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डेयरी प्रोडक्ट को रूम टेंपरेचर पर रखने से भी फूड पॉइजनिंग का खतरा रहता है. इसके साथ ही नॉन वेज आइटम को ठीक से नहीं पकाया जाता है तो भी फूड पॉइजनिंग हो सकती है.
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अगर कोई संक्रमित व्यक्ति हाथ साफ नहीं करता है और खाना बनाता है तो फूड पॉइजनिंग का खतरा हो सकता है.
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फूड पॉइजनिंग होने पर पेट में दर्द और मरोड़ होने के बाद उल्टी होने लगती है. इस के अलावा सिरदर्द, बुखार और कमजोरी होने लगता है.
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