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नवजात शिशु को शहद चटवाना खतरनाक हो सकता है क्योंकि इसमें क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम नाम के बैक्टीरिया के बीजाणु हो सकते हैं.
यह बैक्टीरिया शिशु के अधूरे विकसित पाचन तंत्र में बोटुलिज्म नाम की गंभीर बीमारी पैदा कर सकता है.
बोटुलिज़्म से शिशु को मांसपेशियों में कमजोरी, सुस्ती, खाना निगलने में मुश्किल और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.
शहद नवजातों की इम्युनिटी को नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं होता.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारतीय बाल रोग अकादमी (IAP) एक साल से छोटे बच्चों को शहद न देने की सलाह देते हैं.
पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, कई परिवार नवजात को शहद चटवाते हैं, लेकिन यह वैज्ञानिक रूप से गलत और जोखिम भरा है.
शहद में नेचुरल शुगर होती है, जो बच्चे की आंतों में हानिकारक बैक्टीरिया के पनपने का कारण बन सकती है.
अगर बच्चे को बोटुलिज़्म हो जाए तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए, क्योंकि यह जानलेवा साबित हो सकता है.
नोट- यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Gnttv.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.