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अभी के समय में रिश्ते जितनी जल्दी बनते हैं, उतनी ही जल्दी टूट भी जाते हैं. इसकी वजह कोई और नहीं बल्कि हम खुद होते हैं. आप किसी भी रिलेशनशिप को जबरदस्ती अधिक दिनों तक नहीं निभा सकते.
शादी के बाद किसी बात को लेकर पति-पत्नी के बीच मनमुटाव या गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड के बीच थोड़ी-बहुत लड़ाई आम बात होती है. लेकिन इस लड़ाई में हम किस शब्द का चयन कर रहे हैं यहां सोच-विचार करने की आवश्यकता होती है.
यदि आपको अपने पार्टनर की कोई बात अच्छी नहीं लग रही तो आप उसे बोलकर समझाने की कोशिश करें क्योंकि मन में बातें रखने से खटास पैदा होता है.
यदि आप अपने रिलेशनशिप को एक और मौका देना चाहते हैं तो अपनी गलतियों को स्वीकारने की आदत डालें. इसे ईगो पर न लें. यह ध्यान रखें कि कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता.
किसी भी रिश्ते में बवाल की शुरुआत उम्मीदें पालने से होती है. हम अपनी खामियां नजरअंदाज कर पार्टनर से परफेक्ट होने की उम्मीद करने लगते हैं. जो चीजें आप खुद नहीं कर सकते, दूसरों से उसकी उम्मीद करना बहुत ही गलत है.
अच्छे रिश्ते में खुशियों की जरूरत होती है और खुशियां छोटी-छोटी चीजों से भी आती हैं. जरूरी नहीं कि आप पार्टनर को महंगा तोहफा ही दें लेकिन उनको अपना कीमती समय जरूर दें. टूटते हुए रिलेशनशिप को बचाने के लिए जो सबसे जरूरी चीज है, वो है साथ में समय बिताना.
रिश्ता तब मजबूत बनता है जब आप एक-दूसरे को समझते हैं. एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ खड़े रहते हैं इसीलिए परिस्थिति चाहे जो हो जाए आपको अपने पार्टनर का साथ हमेशा देना चाहिए.
रिश्ता तब सुधरता है जब आप एक-दूसरे की बातें सुनते हैं. सिर्फ अपनी बातें ही न कहते रहें बल्कि दूसरों की फिलिंग्स दूसरों की बातें भी समझें और उन्हें भी बोलने का मौका दें.
किसी भी रिश्ते में प्यार और सम्मान का विशेष महत्व होता है. यदि किसी रिश्ते में सम्मान न हो तो उसे रिश्ते की नींव हिल जाती है. इसीलिए एक-दूसरे का बराबर सम्मान करें.
अपने रिलेशनशिप को फिर से जीवंत करने के लिए सीमाएं तय करना बेहद जरूरी है. साथ में समय बिताएं लेकिन स्पेस भी दें. रिलेशनशिप को ठीक करने के चक्कर में बहुत ज्यादा दखलअंदाजी भी कई बार भारी पड़ जाती है.