आमतौर पर कपूर को पूजा-पाठ में इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन कपूर में कई मेडिसिनल प्रॉपर्टीज पाई जाती है.
आयुर्वेद में कपूर को तरह-तरह की समस्याओं के इलाज के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
कपूर में कई ऐसी गुणवत्ताएं पाई जाती हैं, जो त्वचा संबंधी समस्याओं में कारगर होती हैं.
यह एक्ने ट्रीट करने से लेकर स्किन ब्राइटनिंग में कारगर हो सकता है.
कपूर में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो इसे त्वचा की खुजली और जलन को शांत करने के लिए एक उपयुक्त सामग्री बनाते हैं.
कपूर को मुंहासों के उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. कपूर के एंटीबैक्टीरियल लाभ मुंहासों के इलाज में बेहद प्रभावी ढंग से काम करते हैं.
फटी एड़ियों को आराम देने के लिए आप अपने पैरों को पानी और कपूर के मिश्रण में डुबो कर रख सकती हैं, उसके बाद धीरे से रगड़ें. फिर मॉइस्चराइज़र या पेट्रोलियम जेली अप्लाई करें.
कपूर में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणवत्ता पाई जाती है, जो त्वचा पर नजर आने वाले रैशेज के उपचार में मदद कर सकती हैं.
कपूर एक्जिमा को शांत करने और खुजली को नियंत्रित करने के लिए एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है.