जानिए खेतों में काम करने वाली मैरी कॉम कैसे बनीं बॉक्सिंग चैंपियन
24 नवंबर 1982 को बेहद गरीब परिवार में मैरी कॉम का हुआ था जन्म.
जवानी की उम्र तक मैरी कॉम अपने माता-पिता के साथ खेतों में करती थीं काम.
1998 में डिंगको सिंह के गोल्ड जीतने पर मुक्केबाजी की तरफ हुआ रुझान.
साल 2001 में महिला बॉक्सिंग की दुनिया में मैरी कॉम ने रखा कदम.
मैरी कॉम ने पहली बार साल 2001 में नेशनल वीमंस बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीती थीं.
आठ एआईबीए विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में पदक किए हासिल
2012 लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक पर जमाया था कब्जा
मैरी कॉम को पद्मश्री से लेकर राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार तक मिल चुका है.
मैरी कॉम की जीवनी पर बॉलीवुड में फिल्म भी बन चुकी है.