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छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक जब कोई भी छींकता है तो उस समय आंखें अपने आप बंद हो जाती हैं.
लेकिन आखिर छींकते हुए आंख बंद क्यों हो जाती है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक छींकने से बॉडी और लंग्स की हवा मुंह और नाक के जरिए बाहर निकलती है.
नाक में कोई बैक्टीरिया, वायरस या किसी तरह की कोई बाहरी चीज घुसती है तो छींक आने से वो चीज बाहर निकल जाती है.
अगर कोई छींकते समय आंख खोलने की कोशिश करें तो उसके प्रेशर से आंख की पुतलियां बाहर निकल सकती हैं.
छींकते समय आंखों का बंद हो जाना अपने आप होने वाला एक रिएक्शन है.
एक्सपर्ट्स की मानें तो छींकते समय आंख इसलिए भी बंद हो जाती हैं ताकि मुंह से निकलने वाले बैक्टीरिया आंखों में ना घुस जाएं.
एक रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि आंख बंद होने के पीछे ट्राइजेमिनल नस भी जिम्मेदार होती है. ये नस चेहरे, आंख, मुंह, नाक व जबड़े को कंट्रोल करने का काम करती है.
छींक आने पर दिमाग हर तरह काी रुकावट हटाने का निर्देश देता है जो ट्राइजेमिनल नस को भी मिलता है जिसकी वजह से आंखें बंद होती हैं.