क्या लड़कियां हनुमान चालीसा पढ़ सकती हैं?

(Photos Credit: Unsplash/Pexels)

क्या लड़कियां हनुमान चालीसा पढ़ सकती हैं? यह सवाल धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से देखा जाता है.

हालांकि, हिन्दू धर्म में ऐसा कोई स्पष्ट प्रतिबंध नहीं है जो लड़कियों या महिलाओं को हनुमान चालीसा पढ़ने से रोकता हो. धार्मिक ग्रंथों में ऐसा कोई उल्लेख नहीं मिलता कि केवल पुरुष ही इसे पढ़ सकते हैं.

हनुमान चालीसा भगवान हनुमान की स्तुति है और इसे भक्ति भाव से पढ़ने पर किसी लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता. हनुमान को भक्त वत्सल माना जाता है, जो अपने सभी भक्तों का कल्याण करते हैं, चाहे वे स्त्री हो या पुरुष.

कुछ रूढ़िवादी समाजों में महिलाओं को हनुमान की पूजा में भाग लेने से मना किया जाता है, क्योंकि हनुमान को ब्रह्मचारी देवता माना जाता है. लेकिन यह मान्यता पूरी तरह से सामाजिक धारणा पर आधारित है, न कि धार्मिक रूप से अनिवार्य.

हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. चाहे वह दुर्गा पूजा हो या लक्ष्मी पूजन, महिलाएं प्रमुख रूप से इन पूजाओं में भाग लेती हैं. इसलिए हनुमान चालीसा पढ़ना भी इसमें कोई अपवाद नहीं होना चाहिए.

हिन्दू धर्म के शास्त्रों में महिलाओं के लिए भक्ति मार्ग में कोई प्रतिबंध नहीं है. किसी भी भक्त को भगवान की आराधना करने की अनुमति होती है, चाहे वह स्त्री हो या पुरुष.

आज की आधुनिक दुनिया में महिलाएं धार्मिक अनुष्ठानों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. कई महिलाएं नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करती हैं और इसे अपनी भक्ति का महत्वपूर्ण हिस्सा मानती हैं.

हनुमान चालीसा का पाठ करने से मानसिक शांति, साहस, और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा मिलती है. कई महिलाएं भी इसे नियमित रूप से पढ़ती हैं और सकारात्मक परिणाम अनुभव करती हैं.

कई धार्मिक गुरु और आचार्य इस बात पर जोर देते हैं कि भक्ति के मार्ग में किसी प्रकार का लिंग भेदभाव नहीं होना चाहिए, और महिलाएं भी हनुमान चालीसा का पाठ कर सकती हैं.

अगर कोई महिला हनुमान चालीसा का पाठ भक्ति भाव से करती है, तो इसमें किसी प्रकार की आपत्ति नहीं होनी चाहिए.

नोट- यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Gnttv.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.