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मैदा और आटा दोनों ही गेहूं से बने होते हैं. लेकिन दोनों ही आपकी सेहत के लिए अच्छे नहीं होते.
दरअसल आटे में फाइबर होता है, जिससे यह आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. लेकिन मैदे में फाइबर नहीं होता.
मैदा जब आपके पेट में जाता है, तो उसे पचाना बेहद मुश्किल होता है. ऐसे में कई लोग यह भी दावा करते हैं कि मैदा आपके पेट में जाकर चिपक जाता है. इसमें कितनी सच्चाई है?
दरअसल जब मैदे को गूंथा जाता है तो यह हाथों में चिपचिता लगता है. इसलिए कई लोग यह मानते हैं कि यह पेट में जाकर भी चिपक जाता है.
लेकिन जब भी आप कोई चीज़ खाते हैं तो आपका पाचन तंत्र उसे तोड़ने लगता है, ताकि उसे पचाया जा सके.
बिल्कुल ऐसा ही मैदे से बनी चीज़ों के साथ भी होता है. चाहे वह पास्ता हो या फिर भटूरे.
यह अलग बात है कि मैदे में फाइबर की कमी से उसे पचाना मुश्किल होता है और उसे रोज़ खाने से पेट में दर्द की शिकायत हो सकती है.
मैदे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी ज्यादा होता है. यानी यह खाने के बाद आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ाता है. और इससे आप डायबिटीज़ के मरीज़ बन सकते हैं.
तो क्या मैदा खाने से वह आंतों में चिपक जाता है? नहीं. लेकिन क्या ज्यादा मैदा खाना चाहिए? इसका जवाब भी है नहीं.