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लहसुन और प्याज वनस्पति श्रेणी में आते हैं क्योंकि ये पौधों से पैदा होते हैं. इसलिए तकनीकी रूप से इन्हें शाकाहारी माना जाता है.
जैन धर्म और कुछ आयुर्वेदिक मान्यताओं में लहसुन-प्याज का सेवन वर्जित है, क्योंकि इनका तामसिक गुण माना जाता है जो मन और शरीर पर प्रभाव डाल सकता है.
लहसुन और प्याज को जीवित चीज़ों के रूप में नहीं देखा जाता, जैसे कि मांसाहारी खाने की चीजें होती हैं. इसलिए इन्हें आमतौर पर शाकाहारी भोजन में शामिल किया जाता है.
हिंदू धर्म के कुछ संप्रदाय लहसुन और प्याज को तामसिक भोजन मानते हैं. लेकिन इसे मांसाहारी भोजन की तरह नहीं माना जाता.
मांसाहार में मांस, मछली, और अंडे शामिल होते हैं, जो जीवित प्राणियों आते हैं. लहसुन और प्याज पौधों से मिलता है.
कुछ मान्यताओं के अनुसार, लहसुन और प्याज का सेवन करने से ध्यान और आध्यात्मिक साधना में बाधा आती है, इसीलिए कई साधु-संन्यासी इसका सेवन नहीं करते.
आयुर्वेद में कहा गया है कि लहसुन-प्याज का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, लेकिन इसे नियंत्रित मात्रा में लेने की सलाह दी जाती है.
भारतीय परंपरा में शाकाहारी भोजन में लहसुन-प्याज का सेवन स्वीकार्य है, लेकिन कुछ धार्मिक समूह जैसे जैन धर्म इसके उपयोग को शाकाहारी भोजन के मानकों से बाहर मानते हैं.