तनाव बढ़ने, नींद की कमी, प्रदूषण, आयरन और कैल्शियम की कमी, आनुवंशिकी, मासिक धर्म की अनियमितता आदि का भी बालों पर असर पड़ सकता है.
सबसे पहले चिकित्सक से जांच कराकर कारण जानें व उपचार लें. आप कुछ उपचार घर पर भी आजमा सकते हैं.
आंवले का नियमित रूप से सेवन करें. यह ना केवल आयरन को शरीर में अवशोषित करने में मदद करता है बल्कि बालों की जड़ों को मजबूत बनाता है.
सिर धोने से पहले तेल जरूर लगाएं. नारियल के तेल में पिपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदें मिलाएं और सिर की त्वचा पर लगाएं.
आयुर्वेद नहाने से पहले अभ्यंग की सलाह देता है, यानी कि नहाने से पहले तेल लगाएं, बाद में नहीं.
माइल्ड सल्फेट शैम्पू से बालों को धोएं. अगर हो सके तो बाल धोने के लिए आंवला, रीठा और शिकाकाई का उपयोग करें.
छोटी उम्र में सप्ताह में एक या दो बार बालों को धोने की आवश्यकता होती है. लेकिन जैसे-जैसे हॉर्मोन बदलते हैं, स्कैल्प की प्रकृति में बदलाव उसको रूसी और बालों के झड़ने के लिए अतिसंवेदनशील बना सकता है. सप्ताह में तीन बार या हर दूसरे दिन बालों को धोएं.
गुड़हल, मेथी, प्याज़, कढ़ी पत्ता, मेहंदी, भृंगराज को पीसें और दही मिलाकर पेस्ट बनाएं. हफ्ते में दो-तीन बार बालों की जड़ों में लगाएं.
शीर्षासन बालों का झड़ना कम कर सकता है. दौड़ें, खेलें, भरपूर व्यायाम करें और सफेद शक्कर के अधिक सेवन से बचें.
रोजाना कम से कम एक फल और तीन सब्जियां आहार में शामिल करें. सौंफ ठंडक देती है और पित्त को संतुलित करती है. दोपहर और रात के भोजन के बाद एक चम्मच सौंफ लें.