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नवरात्रि हिंदू र्धम के प्रमुख त्योहारों में से एक हैं. अलग-अलग ढंग से यह 9 दिन और रातें भारत के विभिन्न भागों में बनाए जाते हैं. नौ रातों का यह त्यौहार 9 दिन कुछ अलग सिखा कर जाता हैं.
नवरात्रि हमेशा से आध्यात्मिकता, दैवीय विजय और आंतरिक-शुद्धि का उत्सव रहा है. और मनुष्य इस समय के दौरान परिवर्तन के दौर से गुजरता है, खासकर अगर वे इसके लिए सही कदम उठाते हैं.
माना जाता है कि इन दिनों घर में मां दुर्गा का वास होता हैं. कई लोग उपवास रखते हैं और अपने दैनिक जीवन में कुछ बदलाव भी करते हैं.
ऐसा भी कहा जाता हैं कि नवरात्रि में बाल कटवाने से मां दुर्गा नाराज़ हो जाती हैं. इसी के साथ ही नाखून कटवाना , शराब पीना, मास-मछली खाना भी अशुभ माना जाता हैं.
नवरात्रि को दौरान अपने बाल काटने को मां दुर्गा और उन सदियों पुरानी प्रथाओं को प्रति सम्मान को रुप में भी देखा जाता है जिनका पालन मनुष्य करते आ रहे हैं.
यह भी तर्क दिया जाता है कि बाल कटवाने से शरीर में ऊर्जा संतुलन बिगड़ जाता है. इसलिए इस दौरान बाल कटवाने से बचने की सलाह दी जाती है.
बाल कटवाने के बारे में, यह धारणा है कि नवरात्रि में बाल कटवाने से देवी दुर्गा की कृपा कम हो सकती है और अशुभ परिणाम हो सकते हैं. लेकिन इसके पीछे कोई वैज्ञानिक या धार्मिक तर्क नहीं है.
बाल ना कटवाने से व्यक्ति में अनुशासन और ध्यान की भावना विकसित होती है, जो आध्यात्मिक प्रगति और आंतरिक परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण है.
अगर आप नवरात्रि में बाल कटवाना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए कोई मनाही नहीं है. लेकिन अगर आप धार्मिक हैं और इसे अशुभ मानते हैं, तो आप नवरात्रि के बाद बाल कटवा सकते हैं.
नोट- यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Gnttv.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.