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फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स के अनुसार, सैलरी का कम से कम 20-30% हिस्सा बचत में लगाना चाहिए.
"50-30-20 रूल" के तहत, 50% जरूरी खर्चों पर, 30% लाइफस्टाइल पर और 20% बचत में जाना चाहिए.
इमरजेंसी फंड बनाने के लिए हर महीने एक फिक्स राशि बचाना जरूरी होता है.
अगर आपकी सैलरी ज्यादा नहीं है, तो भी कम से कम 10% बचत करने की कोशिश करें.
बचत को सिर्फ सेविंग अकाउंट में न रखें, बल्कि म्यूचुअल फंड, एफडी या पीपीएफ में निवेश करें.
बचत करने से भविष्य की जरूरतों के लिए आर्थिक सुरक्षा मिलती है.
अगर आप जल्दी रिटायरमेंट या बड़ा इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं, तो बचत प्रतिशत बढ़ाएं.
क्रेडिट कार्ड का अधिक इस्तेमाल करने से बचें और खर्चों को सीमित करें.
हर महीने बचत की राशि तय करने के बाद उसे अलग अकाउंट में ट्रांसफर कर देना चाहिए.