सनस्क्रीन लगाते हैं तो न करें ये गलतियां

सनस्क्रीन लगाते हैं तो न करें ये गलतियां

मौसम बारिश का हो या धूप का सनस्क्रीन हर मौसम में लगाना चाहिए क्योंकि बादल यूवी रेज को ब्लॉक नहीं करते.

अपने निखार और ग्लो को बरकरार रखना है तो घर में भी सनस्क्रीम लगाना चाहिए. खिड़की, दरवाजों से घर में धूप आती है और यूवी किरणें त्वचा को हानि पहुंचा सकती हैं.

सनस्क्रीन का SPF सबसे ज्यादा मायने रखता है. एसपीएफ जितना होगा स्किन को प्रोटेक्शन उतनी ही मिलेगी.

एसपीएफ होने का मतलब ये नहीं कि सनस्क्रीन एक बार लगा लेने पर पूरा दिन काम करेगी. इफेक्टिव प्रोटेक्शन के लिए 4 घंटे में सनस्क्रीन को रिपीट करना पड़ता है.

सनस्क्रीन त्वचा को सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचाता है. ये सूरज से मिलने वाले विटामिन डी को बिल्कुल नहीं रोकता है. 

कई लोग कहते हैं कि डार्क स्किन टोन को सनस्क्रीन की जरूरत नहीं पड़ती लेकिन ऐसा नहीं है. अपनी स्किन के अनुसार सनस्क्रीन चुनें

स्विमिंग के बाद या पसीना निकलने से बाद सनस्क्रीन स्किन से निकल जाता है इसलिए दोबारा लगाने की कोशिश करें.

कई ऐसे सनस्क्रीन भी होते हैं जिनमें हार्मफुल केमिकल्स नहीं होते.ये स्किन के लिए सेफ होते हैं.

यह समझ लें कि सर्दी, गर्मी, बरसात, सीजन चाहें कोई भी हो सनस्क्रीन हर किसी की दिनचर्या में जरूर शामिल होनी चाहिए. खासकर तब जब आप पूरा दिन बाहर रहते हों.