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भारत में कई लोग अदालत के चक्कर लगाते है. वहीं कई ऐसे मौके भी आते हैं जब हमें वकील की जरूरत होती है.
जिसके लिए हमें अच्छी खासी रकम खर्च करनी पड़ती है. लेकिन क्या आपको पता है कि आप खुद अपना केस लड़ सकते हैं. चलिए हम बताते हैं कैसे.
बता दें कि भारत का कानून हमें ये अधिकार देता है कि आप खुद ही अपना केस लड़ सकते हैं.
संविधान का अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है, साथ ही ये निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार भी देता है.
इसे पार्टी-इन-पर्सन (party-in-person) रिप्रजेंटेशन कहा जाता है. इसमें बिना किसी LLB डिग्री के आप अपना केस खुद लड़ सकते हैं.
लेकिन अगर आप अपना केस खुद लड़ना चाहते हैं तो आपको कानून की धाराओं और प्रक्रियाओं के बारे में सभी जानकारी होनी चाहिए.
केस से सम्बन्धित सभी दस्तावेज, साक्ष्य और गवाह के बयानों को इकट्ठा और व्यवस्थित करें.
वैसे तो कोई भी खुद का केस लड़ सकता है, लेकिन कुछ मामलों में जज से अनुमति लेनी पड़ती है.
वहीं बता दें कि खुद का केस लड़ने से पहले आपको कोर्ट में आवेदन जमा करना पड़ता है. जिसमें बताना होता है कि आप पार्टी-इन-पर्सन के रूप में केस लड़ रहे हैं.