हर काम में आता है आलस ? जानिए ज्योतिषीय कारण और उपाय

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आलस जीवन को पूरी तरह से नष्ट कर सकता है. लेकिन सवाल ये कि आलस आता क्यों है ? इसके कई कारण हो सकते हैं लेकिन इसका ज्योतिषीय कारण भी हो सकता है.

कुंडली का तीसरा 6ठा और 11वां भाव पराक्रम का होता है. इन भावों के मजबूत होने पर व्यक्ति कर्मठ होता है. 

इन भावों के कमजोर होने पर व्यक्ति आलसी हो जाता है . शनि कमजोर हो तो आलस की संभावना ज्यादा होती है. 

अग्नि तत्व के कमजोर होने पर भी व्यक्ति के अंदर आलस आ जाता है. चंद्रमा और शुक्र भी आलस में बड़ी भूमिका निभाते हैं.

अगर आलस लगातार न रहकर कभी कभी आता हो तो रोज स्नान जरूर करें. स्नान के बाद शरीर को रगड़ कर सुखाएं. 

नित्य प्रातः बोल बोलकर गायत्री मंत्र का जाप करें. नारंगी रंग का प्रयोग करें. रात्रि का भोजन जल्द से जल्द कर 

अगर आलस लगातार रहता हो तो खानपान दुरुस्त करें. पानी और जलीय आहार ज्यादा से ज्यादा लें. बहुत बड़े बाल और दाढ़ी न रखें. 

नित्य प्रातः सूर्य को जल अर्पित करें. प्रातःकाल ही 108 बार "ॐ आदित्याय नमः" का जप करें. एक तांबे का छल्ला जरूर धारण करें.