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कनेर के फूल को आयुर्वेद में पीत करवीर या दिव्य-फूल के रूप में जानते हैं.
इसके नाम से ही स्पष्ट है कि यह फूल अपने आप में चमत्कारी औषधि है, वहीं इसकी छाल और पत्तियां भी सेहत के लिए काफी लाभकारी होती हैं.
कनेर के फूल में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जिसके कारण यह खुजली, दाद और दूसरी त्वचा संबंधी समस्याओं में राहत दिलाने में मददगार साबित होता है.
एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण कनेर के फूल का इस्तेमाल मुहांसों और त्वचा संबंधी रोगों से निजात दिलाने में भी काफी हद तक सहायक होता है.
कनेर का फूल, पीरियड में होने वाले असहनीय दर्द को कम करने में भी सहायक होता है. इसके लिए आप कनेर के ताजा फूलों का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं.
जिन लोगों को सर्दियों में जोड़ों का दर्द सताता है, उनके लिए कनेर की पत्तिया काफी लाभकारी हो सकती हैं.
कनेर की छाल में बुखार खत्म करने के गुण पाए जाते हैं, ऐसे में मलेरिया जैसे बुखार में इसका प्रयोग काफी हद तक राहत दिलाने में असरदार होता है.
बाल झड़ने की समस्या से परेशान लोगों के लिए भी कनेर का फूल चमत्कारी औषधि का काम करता है. इसके प्रयोग के लिए आपको कनेर के ताजा फूलों को उबाल कर पानी को ठंडा कर लेना है और फिर सिर धो लें.