कई बार पहले बच्चे के जन्म के दूसरे दिन से ही घरवाले दूसरे बच्चे की बात करना शुरू कर देते हैं.
लेकिन बहुत से केसेज में महिलाएं जाने-अनजाने ही दूसरी बार प्रेग्नेंट हो जाती हैं. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आखिर दो बच्चों के बीच कितना अंतर यानी एज गैप होना जरूरी है?
जो महिलाएं 30 की उम्र में पहले बच्चे को जन्म देती हैं उनके पास इतनी आजादी नहीं होती कि वे अपने 2 बच्चों के बीच अच्छा खासा एज गैप रख पाएं क्योंकि उनके लिए उनकी बढ़ती उम्र फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकती हैं.
स्वास्थ्य के लिहाज से देखें तो जब तक कोई महिला एक प्रेग्नेंसी और डिलिवरी से पूरी तरह से उबर नहीं जाती उसे दूसरे बच्चे के बारे में बिलकुल नहीं सोचना चाहिए. खासकर तब जब आपके शरीर में आयरन या हीमॉग्लोबिन की कमी हो.
बहुत सी स्टडीज में यह बात साबित हो चुकी है कि अगर पहली डिलिवरी के 6 महीने के अंदर महिला दूसरी बार प्रेग्नेंट हो जाती है तो ऐसे बच्चे में जन्म के वक्त वजन कम होना, प्रीमच्योर डिलिवरी का खतरा जैसी आशंकाएं बढ़ जाती हैं.
ऐसे में 2 प्रेग्नेंसी के बीच 18 से 23 महीने यानी डेढ़ से 2 साल के बीच का गैप होना बेहद जरूरी है. प्रेग्नेंसी और डिलिवरी के बाद महिला के शरीर को फिर से रिकवर होने में इतना समय लग ही जाता है.
अगर 2 बच्चों के बीच उम्र का अंतर ज्यादा होगा तो आप दोनों बच्चे के शुरुआती सालों में उन पर पूरा ध्यान दे पाएंगे और साथ ही बच्चों पर होने वाले खर्च को भी अच्छी तरह से मैनेज कर पाएंगे.
हालांकि कई बार ये भी देखने में आता है कि अगर 2 बच्चों के बीच उम्र का ज्यादा अंतर हो यानी 5-6 साल से ज्यादा का गैप हो तो दोनों बच्चों के बीच नजदीकियों में कमी देखने को मिलती है.
कई बार बड़े बच्चे को लगता है कि छोटे भाई या बहन के घर में आने से उसका प्यार कम हो जाएगा या घर में उसका महत्व कम हो जाएगा और इसलिए वह आने वाले बच्चे के प्रति नाराजगी या नाखुशी भी दिखाता है.
इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए बेहतर यही होगा कि आप पहली प्रेग्नेंसी के बाद दूसरे बच्चे की प्लानिंग करने से पहले कम से कम 6 महीने से लेकर 1 साल तक इंतजार करें.
ऐसा करने से आप दूसरे बच्चे को भी हेल्दी लाइफ दे पाएंगी और आपके अपने शरीर को भी पहली प्रेग्नेंसी और डिलिवरी से उबरने का पूरा वक्त मिल जाएगा,