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अच्छे स्वास्थ्य के लिए नींद उतनी ही जरूरी है, जितनी आहार और व्यायाम. यदि आप सही तरीके से नींद लेते हैं तो यह सेहत के लिए और भी अच्छी बात है.
वास्तु विज्ञान के अनुसार उत्तर दिशा में सिर करके सोना अपशकुन होता है. ऐसी धारणा है कि उत्तर की ओर सिर और दक्षिण की ओर पैर करके सोने से आयु कम होती है क्योंकि दक्षिण को यम की दिशा माना गया है.
विज्ञान के अनुसार पृथ्वी के उत्तर और दक्षिण सिरे में सबसे ज्यादा गुरुत्वाकर्षण बल होता है. उत्तर की ओर सिर करके सोने पर चुंबकीय ऊर्जा विपरीत दिशा से शरीर में संचार करती है, जिसका शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है.
पूर्व दिशा में पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल सबसे कम होता है, इसलिए सोने के समय सिर की दिशा पूर्व में ही रखें. सूरज भी पूर्व की ओर से निकलता है. सनातन धर्म में सूर्य को जीवनदाता और देवता माना गया है. ऐसे में सूर्य के निकलने की दिशा में सिर रखकर सोना श्रेष्ठ माना गया है.
पश्चिम में सिर और पूर्व में पैर रखकर कभी नहीं सोना चाहिए. माना जाता है कि पूर्व में सूर्योदय होने से इस दिशा में देवताओं का वास होता है. देवताओं की तरफ पैर रखकर सोने से मनुष्य को पाप लगता है.
स्कूल जाने वाले बच्चों की स्मरण शक्ति तेज करने और शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे परिणाम लाने के लिए बच्चों का सोते समय पूर्व दिशा में सिर करना उपयोगी है. यानी बच्चों का बेड इस प्रकार व्यवस्थित करें कि उनका सिर पूर्व में रहे.
शास्त्रों में इस बात का वर्णन मिलता है कि व्यक्ति की शैय्या किस प्रकार की होनी चाहिए. विष्णु पुराण के अनुसार कभी भी टूटे-फूटे, मैले, बहुत ज्यादा ऊंचे या फिर बहुत छोटे बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए.
जब आप नींद से उठें तो अपनी दायीं तरफ घूमें और फिर बिस्तर से उठें. नींद से उठते समय मेटाबोलिक प्रक्रिया बहुत धीमी होती है. ऐसे में अचानक से बिस्तर छोड़ने पर दिल पर दबाव पड़ेगा और ऐसा होने पर हार्टअटैक की आशंका बढ़ जाती है.
शास्त्रों के अनुसार सुबह सोकर उठने पर पहले झुककर धरती का स्पर्श करना चाहिए फिर पैर जमीन पर रखना चाहिए. इस आदत को अपनाने से व्यक्ति को सेहत में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं.