आंख फड़फड़ाने के पीछे की साइंस 

By-GNT Digital

हम अपने जीवन काल में आंख को कई बार फड़फड़ाता हुआ महसूस करते हैं. 

हमेशा हम ये मानते है की आंख का फड़फड़ाना किसी शगुन या अपशगुन से जुड़ा होता है. 

जैसे की पुरुषों की दाईं आंख फड़फड़ाना शुभ मानते है और औरतों की बाईं आंख फड़फड़ाने को शुभ. 

लेकिन इसके पीछे वैज्ञानिक कारण हैं. आंखों के फड़फड़ाने के पीछे शुभ या अशुभ मानना सिर्फ एक अंधविश्वास है. 

असल में आंख के फड़फड़ाने का मुख्य कारण कुछ और ही है. आंख के फड़फड़ाने को मायोकेमिया कहा जाता है. 

मायोकेमिया आंख के आस पास की मांसपेशियों के अचानक सिकुड़ने या फैलने के कारण होता है.

कई बार आंख की मांसपेशियों में ऐंठन के कारण भी आंख फड़फड़ाती है. 

कई बार आंखो में ड्राइनेस होने के कारण भी आंख फड़कती है.

आंखों में बैक्टिरियल या वायरल इंफेक्शन होना भी एक कारण होता है आंख फड़कने का.

इसके अलावा नींद पूरी ना होने की वजह से भी आंख फड़कती है. 

अधिक तनाव भी आंख फड़कने का एक मुख्य कारण है. 

इन सब के अलावा प्रदूषण, एलर्जी या आंख का कमजोर होना भी आंख फड़कने का कारण होता है.

Note: यहां बताई गई सभी बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं.