जानें परिजन की मृत्यु पर क्यों मुंडवाते हैं सिर
हिन्दू धर्म में परिजन की मृत्यु पर मुंडन करना एक महत्वपूर्ण परंपरा है जो सदियों से चली आर ही है.
गरुण पुराण के अनुसार मृतक की आत्मा मृत्यु के बाद भी शरीर छोड़ने के लिए तैयार नहीं रहती है.
वह यमराज से याचना करके यमलोक से वापस आती है और अपने परिजनों से संपर्क करने की कोशिश करती है.
शरीर न होने के कारण वह संपर्क करने के लिए परिजनों के बालों का सहारा लेती है.
लिहाजा ऐसा न हो पाए इसलिए परिजन सिर मुंडवाते हैं. ताकि आत्मा उनके मोह से मुक्त हो सके.
व्यक्ति के निधन के बाद उसके परिजनों द्वारा सिर मुंडवाना मृतक के प्रति प्रेम और सम्मान जताने का एक जरिया भी है.
मृतक के प्रति कृतज्ञता दर्शाते हुए लोग अपने बाल कटवा लेते हैं, क्योंकि बालों के बिना सुंदरता अधूरी है.
किसी व्यक्ति की मृत्यु के कारण परिवार में सूतक लगता है. यानी कि कुछ दिनों तक परिवार के लोगों को अशुद्ध माना जाता है. सिर मुंडवाने पर ही सूतक पूरी तरह से खत्म होता है.