(Photos Credit: Unsplash/Pexels/Piabay)
लाल साग का वैज्ञानिक नाम ऐमरेंथ डबियस है. इसके पत्ते पालक जैसे दिखते हैं, लेकिन स्वाद और गुणों में दोनों अलग हैं.
लाल साग को लाल भाजी, रेड स्पिनेच, या चौलाई के नाम से भी जाना जाता है. ये हरे और लाल दोनों रंगों में पाई जाती है, लेकिन लाल वाला साग ज्यादा पौष्टिक माना जाता है.
लाल साग विटामिन ए, सी, के, फोलेट, राइबोफ्लेविन और कैल्शियम जैसे गुण से भरपूर होता है.
यह खून में इंसुलिन के लेवल को कंट्रोल करता है और वजन कम करने में मदद करता है.
इसमें मौजूद अमीनो एसिड और मिनरल्स जैसे आयरन, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस कैंसर सेल्स के खिलाफ लड़ने में मदद करते हैं.
लाल साग को खाने से किडनी भी स्वस्थ रहती है. यह पूरे भारत में लोकप्रिय है. मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से लेकर कर्नाटक तक इसे पसंद किया जाता है.
गर्भवती महिलाएं अगर लाल साग खाती हैं तो इसका अच्छा असर गर्भ में पल रहे बच्चे के दिमाग पर पड़ता है. माना जाता है कि इससे बच्चे की याददाश्त बढ़ती है.
लाल साग को सब्जी, सूप, या सलाद के रूप में खाया जा सकता है. यह हेल्थ को बेहतर बनाने का एक आसान और नेचुरल तरीका है.
अगर आप इसे पहली बार खा रहे हैं, तो इसे सही मात्रा और तरीके से पकाकर खाएं ताकि इसके सभी पोषक तत्वों का लाभ उठा सके.