28 FEB 2023

जानें काटने के बाद क्यों रंग बदलने लगते हैं सेब-आलू

By: Shivanand Shaundik

रोजमर्रा की जिंदगी में आपने भी देखा होगा कि आलू, सेब, बैंगन जैसे कई फल-सब्जियां कटने के बाद रंग बदलने लगते हैं.

जितनी देर ये खुले में रहते हैं, इतना ही इनका रंग गहरा होता जाता है. इसके पीछे लोगों के दिमाग में आम धारणा है कि फल या सब्जी में पाए जाने वाले आयरन के चलते इनका रंग भूरा होने लगता है, जो बिल्कुल गलत है.

अगर इस धारणा पर गौर करें तो अनार कटने के बाद काला हो जाना चाहिए, जिसमें अच्छी तादाद में आयरन पाया जाता है. लेकिन ऐसा नहीं होता.

दरअसल, इसके पीछे एक साइटिफिक क्रिया है, जिससे कटने के बाद इनका रंग गहरा होने लगता है. इस क्रिया का नाम है Enzymatic Browning.

जिसमें फल के हवा के संपर्क में आने पर के कारण एक रिएक्शन शुरू होता है. जिससे फल-सब्जियों का रंग गहरा होने लगता है.

एंजाइमिक ब्राउनिंग एक ऑक्सीकरण प्रतिक्रिया है जो कुछ खाद्य पदार्थों, ज्यादातर फलों और सब्जियों में होती है, जिससे ये भूरे हो जाते हैं.

दरअसल, हवा में ऑक्सीजन होती है और फलों में कोशिकाओं में फिनोल और एंजाइम फिनोलस पाए जाते हैं और जब ये हवा में ऑक्सीजन के संपर्क में आते हैं, तो एक रिएक्शन होता है.

इसमें फिनोलेज़ फिनोल को मेलेनिन में बदल देता है, जिसका रंग भूरा होता है. इसी के चलते फलों-सब्जियों का रंग भूरा होने लगता है.

इस प्रक्रिया को एंजाइमेटिक ब्राउनिंग कहा जाता है. बता दें कि मेलेनिन एक पिगमेंट है, इंसान के बाल, त्वचा और आंखें के रंग के लिए भी यही पिगमेंट जिम्मेदार होता है.