महंगे काजल पर हर कोई खर्चा करता है. हालांकि, ज्यादातर लोग हर्बल चीजों पर फोकस कर रहे हैं.
बदाम से काजल बनाने के लिए मिट्टी के दीपक को तेल से जलाएं आए और अब उसके ऊपर प्लेट रख दें. उस प्लेट पर कुछ बदाम रखें और उन्हें अच्छे से जलने दें. जब बदाम अच्छे से जल जाए तो चाकू से कालिख को निकालें और डिब्बे में भर लें.
एलोवेरा जेल से काजल बनाने के लिए मिट्टी के दीपक को कैस्टर ऑयल से जलाएं. अब ऊपर एक प्लेट रखें. उसपर एलोवेरा जेल फैलाएं. जब एलोवेरा जेल अच्छे से जल जाए,तब प्लेट को हटाएं और चाकू से एक डिब्बी में उसकी कालिख को इकट्ठा कर लें.
सरसों के तेल का काजल बनाने के लिए मिट्टी के दीपक में सरसों के तेल भरें और दीपक की लौ जलाएं. उसके ऊपर प्लेट रखें. दीए को पूरी रात जलने दें. अगले दिन प्लेट से कालिख एक डिब्बे में भरें.
कपूर से काजल बनाने के लिए एक बड़े दीपक में कपूर को जलाएं और उसके ऊपर प्लेट रख दे. अब कुछ समय बाद दिए के आसपास और प्लेट पर कालिख इकट्ठी हो जाएगी. उस कालिख को आप एक डिब्बे में भरकर रख लें.
कैस्टर ऑयल से काजल बनाने के लिए मिट्टी के दीपक में कैस्टर ऑयल की मदद से दीपक जलाएं और उसके ऊपर एक पीतल की थाली रख दे. दिए को पूरी रात जलने दें. अगले दिन प्लेट पर इक्ट्ठी हुई कालिख को डिब्बे में भर लें.
अजवाइन का काजल बनाने के लिए दीपक की रुई में अजवाइन के कुछ टुकड़ों को मिलाएं और बाती तैयार करें. अब उसमें सरसों का तेल डालें और दीपक जलाएं. अब जले हुई दीपक के ऊपर एक प्लेट रखें और उसे पूरी रात जलने दें. अगले दिन जो कालिख इकट्ठी हई है उसे डिब्बे में भर लें.
नीम के काजल के लिए एक मिट्टी के दीपक में सरसों का तेल डालें और दीपक के लिए जो बाती तैयार की है उसमें नीम की सूखे फूल मिलाएं और बाती बना लें. अब आप बनी बाती को सरसों के तेल में भिगोएं और दीपक जलाएं. अब उसके ऊपर एक प्लेट रखें. प्लेट के ऊपर जो कालिख इकट्ठी हुई है उसे एक डिब्बे में भरें.
घर पर बनाए गए काजल से न केवल मोतियाबिंद की समस्या से बचा जा सकता है. बल्कि यह रतौंधी जैसी समस्या से भी राहत दिला सकती है.