Image Credit: Meta AI
हिंदू धर्म में पैर छूने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि किसको अपना पैर कभी नहीं छूने देना चाहिए और उससे क्या होता है? चलिए आपको बताते हैं.
Image Credit: Meta AI
बेटी को देवी का रूप माना जाता है. इसलिए बेटी को कभी पिता का पैर नहीं छूना चाहिए. इससे बेटी और पिता दोनों को पाप लगता है.
Image Credit: Meta AI
मंदिर में भगवान को प्रणाम करने से पहले किसी बड़े-बुजुर्ग या सम्मानित व्यक्ति का आशीर्वाद लेने से भगवान का अपमान माना जाता है.
Image Credit: Meta AI
अगर कोई पूजा कर रहा है तो उसका पैर नहीं छूना चाहिए. इससे पूजा में रुकावट आती है और ऐसा करने से दोनों को पाप लगता है.
Image Credit: Meta AI
अगर कोई व्यक्ति सोया हुआ है तो उसका पैर नहीं छूना चाहिए. इससे व्यक्ति की उम्र कम होती है.
Image Credit: Meta AI
श्मशान से लौटे व्यक्ति का पैर नहीं छूना चाहिए. दरअसल अंतिम संस्कार से लौटने वाला व्यक्ति अशुद्ध माना जाता है.
Image Credit: Meta AI
अगर कोई अंतिम संस्कार से लौटा है और वो स्नान कर चुका है तो उसका पैर छू सकते हैं. श्मशान में भी किसी का पैर नहीं छूना चाहिए.
Image Credit: Meta AI
भांजा-भांजी को मामा-मामी का पैर नहीं छूना चाहिए. क्योंकि भांजा-भांजी को पूजनीय माना जाता है. ऐसे में अगर ये पैर छूते हैं तो मामा-मामी को पाप लगता है.
Image Credit: Meta AI
इस तरह अगर चरण स्पर्श किया जाता है तो घर में दरिद्रता आती है. ऐसे पैर छूने पर दोनों को आर्थिक नुकसान होता है.
Image Credit: Meta AI