अब नींद की समस्‍या को कहें गुड बाय! आजमाएं ये टिप्‍स

By: Shivanand Shaundik

नींद एक ऐसी प्रक्रिया है जो व्‍यक्ति की फिजिकल और मेंटल हेल्‍थ को प्रभावित करती है.

रोज अच्‍छी और पर्याप्‍त नींद उतनी ही जरूरी है जितना की पौष्टिक आहार. नींद न आने का कारण बिगड़ी लाइफस्‍टाइल और अत्‍यधिक तनाव हो सकता है.

चलिए जानते हैं उन टिप्‍स के बारे में जो नींद में सुधार कर सकते हैं.

सोने के शेड्यूल या पैटर्न में बदलाव करने से भी नींद प्रभावित हो सकती है. क्‍लीवलैंड क्‍लीनिक के मुताबिक यदि व्‍यक्ति एक ही रुटीन या शेड्यूल के तहत सोता है तो वह बे‍हतर नींद प्राप्‍त कर सकता है.

साथ ही इससे नींद में भी सुधार हो सकता है. इस स्थिति को सोशल जेट लैग कहते हैं. जल्‍दी या देर से सोने से खराब क्‍वालिटी वाली नींद आती है इसलिए एक निश्चित समय पर ही सोने की कोशिश करनी चाहिए.

सोने से पहले यदि बिस्‍तर पर कुछ पल शांति से बिताएं तो नींद में इजाफा हो सकता है. सोने से 30 से 60 मिनट पहले स्‍क्रीन को दूर कर दें,  बुक्‍स पढ़ें, गर्म पानी से नहाएं या हर्बल टी का आनंद लें.

यदि नींद नहीं आ रही है तो खुद को डिस्‍ट्रेक्‍ट करें. कुछ ऐसा काम करें जिससे आपको खुशी मिलती हो. जैसे बुक पढ़ें, योग करें, बुनाई या चित्रकारी करें.

इससे अच्‍छी सुकूनभरी नींद आ सकती है. रात के समय घर का काम, बिलों का भुगतान और कम्‍प्‍यूटर पर काम करने से बचें.

मेडिटेशन, गाइडेड इमेजरी और प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्‍सेशन जैसी रिलैक्‍सेशन टेक्‍नीक का अभ्‍यास करने से भी नींद आने में मदद मिल सकती है.

इससे दिमाग और मांसपेशियों को शांत किया जा सकता है. तनाव और चिंता को भी खत्‍म करने से अच्‍छी नींद आ सकती है.

अच्‍छी और पर्याप्‍त नींद न आने से कई मानसिक समस्‍याएं बढ़ सकती हैं. अच्‍छी नींद के लिए लाइफस्‍टाइल और आदतों में बदलाव करने की आवश्‍यकता है.