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जो व्यक्ति नियमित रूप से शराब या मांस का सेवन करते हैं, उन्हें कलावा पहनने से बचना चाहिए.
जो लोग साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते और अशुद्ध रहते हैं, उन्हें कलावा पहनना नहीं चाहिए, क्योंकि कलावा पवित्रता का प्रतीक है.
जो लोग असामाजिक, अश्लील या अनैतिक कार्यों में लगे रहते हैं, उन्हें कलावा नहीं पहनना चाहिए.
कलावा को धार्मिकता और श्रद्धा के साथ पहनना चाहिए; जो लोग इसे केवल फैशन या दिखावे के लिए पहनना चाहते हैं, उन्हें इसे नहीं पहनना चाहिए.
जो लोग भगवान में विश्वास नहीं करते, उन्हें भी कलावा पहनने से बचना चाहिए, क्योंकि यह धार्मिक प्रतीक है.
जिन लोगों के दिल में गुरु या धार्मिक परंपराओं के प्रति सम्मान नहीं होता, उन्हें कलावा पहनने से बचना चाहिए.
जो लोग गुस्सैल हैं, उन्हें भी कलावा नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि यह संयम और सकारात्मकता का प्रतीक है.
जो लोग नकारात्मक ऊर्जा या काले जादू में रुचि रखते हैं, उन्हें कलावा पहनना उचित नहीं होता.
कलावा पहनने का मतलब धार्मिक नियमों का पालन करना भी है; जो लोग इसको मानते नहीं, उन्हें इससे दूर रहना चाहिए.