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रोजाना नहाना यानी स्नान करना बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. नहाने से न केवल कई रोगों से बचाव होता है बल्कि आप तरोताजा महसूस करते हैं.
हमारे शास्त्रों और आयुर्वेद में स्नान करने का भी एक नियम बताया गया है. आइए जानते हैं सुबह, दोपहर, शाम या रात क्या है स्नान करने का सही समय.
आयुर्वेद के अनुसार स्नान एक चिकित्सात्मक गतिविधि है. जिसे बॉडी को क्लीन करने के लिए किया जाता है. यदि स्नान सही तरीके से किया जाए तो ये शरीर, दिमाग और आत्मा के लिए रोग निवारण के तौर पर काम कर सकता है.
शास्त्रों के अनुसार सूर्योदय से पहले यानी ब्रह्म मुहूर्त का समय नहाने के लिए सबसे बेहतर होता है. इससे सेहत अच्छी रहती है. आप शिव मुहूर्त सुबह 6 से 8 बजे तक और हरि मुहूर्त सुबह 8 से 10 बजे तक भी स्नान कर सकते हैं.
दोपहर में नहाने से आपको बचना चाहिए.शास्त्रों में दोपहर को नहाना अशुभ बताया गया है. कहा जाता है कि दोपहर 12 बजे से 2 बजे के बीच नहाने से शरीर में रोग बढ़ते हैं.
मेहनत भरा कोई भी काम करने के बाद भी आपको स्नान नहीं करना चाहिए. यानी जब आपका शरीर या फिर मौसम गरम हो, तब स्नान न करें. इससे मांसपेशियों को कवर करने वाली कोशिकाओं में सूजन हो सकती है.
जो लोग शाम को नहाना पसंद करते हैं, उन्हें सूर्यास्त होने से पहले स्नान कर लेना चाहिए. खाना खाने के तुरंद बाद नहाना सेहत के लिए नुकसानदायक होता है.
रात के समय में स्नान करना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है. खासकर उन लोगों के लिए जिनके बाल लंबे और घने हों क्योंकि ऐसे लोगों के बाल नहाने के बाद अच्छे से सूख नहीं पाते हैं और इससे मायोसाइटिस बीमारी होने का खतरा बना रहता है.
धार्मिक मान्यता है कि कभी भी किसी दूसरे व्यक्ति के स्नान करने बाद बचे हुए पानी से नहीं नहाना चाहिए. इसी प्रकार व्यक्ति यदि कुएं या हैंडपंप पर नहा रहा हो तो उसे स्वयं पानी निकाल कर स्नान करना चाहिए.