बढ़ती ठंड से खुद को बचाने के लिए लोग अपनी जीवन शैली में तरह-तरह के बदलाव करते हैं. कुछ लोग जहां खुद को गर्म रखने के लिए अपने खानपान और पहनावे को बदल रहे हैं, तो वहीं कुछ रोज नहाने से बचने लगे हैं.
ठंड की वजह से बिस्तर से बाहर निकलने तक का मन नहीं करता. ऐसे में नहाने का विचार आते ही लोगों को कंपकपी आ जाती है. तो जो लोग नहाने से बचते हैं उनके लिए य अच्छी खबर है.
साइंस कहती है कि रोज नहाने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है.
दुनियाभर के स्किन स्पेशलिस्ट मानते हैं कि ठंड में रोज ना नहाना एक अच्छा डिसीजन है, क्योंकि जरूरत से ज्यादा नहाना हमारी स्किन के लिए अच्छा नहीं होता है.
कई स्टडीज ये कहती हैं कि हमारी स्किन में खुद को साफ करने की बेहतर क्षमता होती है.
कई त्वचा विशेषज्ञों का मानना है कि सर्दियों में रोजाना गर्म पानी से नहाने से आपकी स्किन को भारी नुकसान झेलना पड़ता है.
जॉर्ज वॉशिंग्टन यूनिवर्सिटी (वॉशिंगटन डीसी, यूएस) के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर सी ब्रैंडन मिशेल कहते हैं कि नहाने से स्किन के नेचुरल ऑयल और गुड बैक्टीरिया निकल जाते हैं.
ये गुड बैक्टीरिया इम्यून सिस्टम को भी सपॉर्ट करते हैं. इसलिए सर्दियों में सप्ताह में दो या तीन दिन ही नहाना चाहिए.
हाल ही में हुए एक सर्वे में पता चला है कि नहाने के मामले में दुनिया में शीर्ष देशों में भारत, जापान और इंडोनेशिया के लोग सबसे आगे हैं.
अमेरिका और पश्चिम के देशों के कई शोध यह कहते हैं कि रोज नहाना महज पानी की बर्बादी नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक तौर पर भी हानिकारक होता है.