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भारत में बिंदी ना सिर्फ श्रृंगार है, बल्कि महिलाओं की पहचान का हिस्सा भी है. ये शादीशुदा महिलाओं के लिए सुहाग की निशानी भी है.
लेकिन क्या आपको पता है कि बिंदी लगाने के पीछे कुछ और कारण भी है. चलिए आपको उनके बारे में बताते हैं.
महिलाओं के बिंदी लगाने के तरीके से ही पता लगाया जा सकता है कि उसका स्वभाव कैसा है?
बिंदी को 16 श्रृंगार में गिना जाता है. माना जाता है कि बिंदी का संबंध मां लक्ष्मी से होता है.
बिंदी को माथे पर दोनों भौंहों के बीच इसलिए लगाया जाता है, क्योंकि यहां शरीर का छठा चक्र होता है, जिसे आज्ञा चक्र, भौंह चक्र या तीसरा नेत्र भी कहते हैं.
कहा जाता है कि जब महिलाएं बिंदी लगाती हैं तो वे इस चक्र को एक्टिवेट करती हैं, जो शरीर और मन पर पॉजिटिव असर डालता है.
जो महिलाएं आइब्रो के नीचे बिंदी लगाती हैं, उन्हें कहा जाता है कि वे महिलाएं गुस्से वाली होती हैं और उनका स्वभाव चिड़चिड़ा होता है.
आइब्रो के सेंटर पर बिंदी लगाने वाली महिलाएं शांत स्वभाव की होती हैं और पति से बेहद प्रेम करती हैं.
आइब्रो से ऊपर बिंदी लगाने वाली महिलाएं बोल्ड होती हैं और करियर पर बहुत ध्यान देती हैं.