कहीं आप खुद ही तो नहीं बन रहे अपने दुश्मन, इन संकेतों से पहचानें

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कई बार ऐसा होता है कि हमारी ही कुछ आदतें, सोचने का तरीका या व्यवहार धीरे-धीरे हमारे सबसे बड़े दुश्मन बन जाते हैं. 

अगर हम समय रहते इन्हें पहचान लें, तो जीवन की दिशा बदल सकते हैं.

यहां कुछ संकेत दिए गए हैं जो बताते हैं कि शायद आप स्वयं ही अपने दुश्मन बन रहे हैं.

खुद को लगातार नीचा दिखाना "मुझसे नहीं होगा", "मैं बेकार हूँ", "मैं कभी सफल नहीं हो सकता"- ये बातें खुद के लिए ज़हर जैसी होती हैं.

बार-बार काम को टालना जरूरी कामों को टालते जाना, यह सोचकर कि "बाद में कर लेंगे", अपने ही सपनों की राह में खुद ही रुकावट डालना है.

बार-बार वही गलतियां दोहराना सीखने की बजाय एक ही सायकल में फंस जाना, चाहे वो रिश्ते हों, फैसले हों या आदतें.

दूसरों को खुश करने के लिए खुद को खो देना "ना" कहना नहीं आता? हमेशा दूसरों की खुशी के लिए अपनी खुशी कुर्बान कर देते हैं?

खुद के जज़्बातों को नजरअंदाज़ करना अगर आप बार-बार अपने इमोशंस को दबा रहे हैं, तो धीरे-धीरे अंदर से टूट सकते हैं.

खुद को माफ़ न कर पाना पुरानी गलतियों को पकड़ कर बैठ जाना, खुद को सजा देते रहना.