नींद से जागते ही आप एकदम आंखें न खोलें. धीरे-धीरे आंखें खोलें. सबसे पहले अपनी हथेली के दर्शन करें और भगवान का ध्यान करें. ऐसा करने से आत्मविश्वास बढ़ता है.
बिस्तर छोड़ते ही हमारी यात्रा शुरू हो जाती है. जो भी स्वर चल रहा हो उसी साइड का पैर निकालकर उठें.
उठने के कम से कम एक घंटे तक चुप रहें और थोड़ी देर दिमाग को शांत रखें.
उठने के बाद सबसे पहले उन कामों के बारे में सोचे जो आपको प्राथमिक रूप से करने हैं.
आंख खुलते ही किसी का भी चेहरा देखने से बचें, खासकर किसी ऐसे व्यक्ति, पशु या अन्य का जिसे देखकर आपके मन में अचानक से बुरे भाव आते हो या आपको अच्छा न लगता हो.
कोशिश करें कि सुबह जल्दी उठें और कुछ देर धूप में बैठें.
सुबह उठते ही अखबार पढ़ने या टीवी देखने से भी मस्तिष्क पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है.
सुबह टीवी पर कभी भी लड़ाई-झगड़े, रोने-धोने वाले सीरियल न देखें. इसी तरह रात को सोने से कुछ समय पहले भी ऐसा न करें.
सुबह उठकर घर में या दफ्तर जाकर लोगों से कठोर भाषा में बात न करें. अच्छे शब्दों का उपयोग करें.
सुबह कम से कम 15 मिनट के लिए योगासन, एरोबिक्स, कसरत, साइकिलिंग या मॉर्निंग वॉक करें.