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कम्युनिकेशन स्किल बातचीत करने और अपनी भावना को व्यक्त करने की एक कला है. आज के समय में बेहतर कम्युनिकेशन स्किल सक्सेसफुल करियर की गारंटी है.
कम्युनिकेशन स्किल का डिग्री और पढ़ाई-लिखाई से कुछ लेना देना नहीं है, क्योंकि ये जरूरी नहीं है कि हर पढ़े-लिखे और डिग्रीधारी शख्स की कम्युनिकेशन स्किल अच्छी ही हो. लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर इसमें सुधार जरूर किया जा सकता है.
सही कम्युनिकेशन के लिए सबसे पहले अपनी बॉडी लैंग्वेज को जज करना शुरू करें. कहीं ऐसा तो नहीं है कि आप बोल तो कुछ रहे होते हैं और बॉडी लैंग्वेज कह कुछ और रही होती है.
हमेशा शांत और सहज रहें. बातों में किसी भी प्रकार का तकिया कलाम हमेशा जोड़ने की कोशिश न करें. यदि आप ऐसा करेंगे तो सामने वाले पर निगेटिव प्रभाव पड़ेगा.
किसी भी विषय पर प्वॉइंट टू प्वॉइंट बात करना आपके लिए और सामने वाले दोनों के लिए आसान होगा. इसलिए बात करते समय इस बात का खास ध्यान रखें.
बात करने के दौरान सिर्फ बोलने पर ही ध्यान न दें. दूसरों की बातों को सुने भी. ऐसा माना जाता है कि वही अच्छा वक्ता बन सकता है, जो अच्छा श्रोता होता है.
सबसे ज्यादा जरूरी है कि जो बोलें उस पर विश्वास करना सीखें. ऐसा नहीं कि बात करते समय बार-बार अपनी ही कही बातों को काटें.
किसी से बात करते समय आपको सही शब्दों का यूज करना चाहिए. इसके लिए डेली नए शब्दों को सीखें और उन्हें लोगों से बात करते समय इस्तेमाल करें.
आप जब भी किसी से बात करें तो सामने वाले से आई कांटेक्ट बनाए रखें. इससे हमारी सिंसेरिटी और इंटरेस्ट दिखाई देता है और साथ ही हमारे इमोशन्स भी साफ-साफ दिखाई देते हैं. किसी से बात करते समय हमेशा कॉफिडेंट रहें.