आजकल लगभग हर घर में तुलसी होती है. शास्त्रों में कहा गया है कि तुलसी की रोज पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों को वरदान देते हैं.
कहते हैं कि सूर्यास्त के बाद तुलसी जी को नहीं छूना चाहिए. इससे धन संबंधी समस्या हो सकती है.
सूर्यास्त के बाद
ऐसी मान्यता है कि रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए. इस दिन तुलसी को जल चढ़ाना भी मना है.
रविवार और एकादशी के दिन
एक मान्यता यह भी है कि इस दिन तुलसी जी भगवान विष्णु के लिए एकादशी का व्रत रखती हैं इसलिए इस दिन उन्हें जल नहीं चढ़ाना चाहिए.
महिलाओं को खुले बाल करके तुलसी को जल नहीं देना चाहिए. खुले बाल होने पर तुलसी के पौधे पर बाल गिरने और भींगे बालों से जल टपकने की आशंका रहती है जिसे शुभ नहीं माना जाता है.
श्री गणेश जी और भगवान शंकर को तुलसी चढ़ाना वर्जित माना गया है.
वास्तु के अनुसार तुलसी के पौधे को सदैव घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में लगाना चाहिए.
तुलसी लगाने के लिए गुरुवार का दिन सर्वोत्तम बताया गया है.
वास्तु के अनुसार तुलसी को हमेशा घर के आंगन में ही लगाना चाहिए. तुलसी जी को किसी अंधेरे या सन्नाटे वाली जगह नहीं लगाना चाहिए. हर दिन सुबह-शाम तुलसी के आगे दीया जलाना चाहिए.