By-GNT Digital
क्या होते हैं लैब ग्रोन डायमंड्स?
अब डायमंड्स को लैब में बनाया जा रहा है और इन्हें 'लैब ग्रोन डायमंड्स' कहा जाता है.
बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि लैब ग्रोन डायमंड टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और रोजगार को बढ़ावा देने वाला सेक्टर है.
लैब ग्रोन हीरे देखने में असली हीरे जैसे ही होते हैं.
भारत में भी हर साल लगभग 30 लाख लैब ग्रोन डायमंड्स बनाए जा रहे हैं.
ये मैन-मेड डायमंड, प्राकृतिक डायमंड्स की तुलना में इको-फ्रेंडली होते हैं.
LGD की कीमत नेचुरल डायमंड से 60-70% तक कम है. ये सस्ते इसलिए हैं क्योंकि इन्हें बनाने की प्रकिया, प्राकृतिक डायमंड्स की प्रक्रिया से कम समय लेने वाली है.
इन्हें बनाने के लिए एक सीड की जरूरत होती है. ये सीड भी एक तरह से हीरे का कंपोजिशन ही होता है जिसके जरिए लैब में नया हीरा बनाया जाता है.
लैब ग्रोन हीरे कुछ हफ्तों में ही बन जाते हैं. हालांकि इसकी रीसेल वैल्यू कम होती है.
लैब ग्रोन डायमंड्स को चुनने की सबसे बड़ी वजह है कि ये पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं हैं.