लिव-इन रिलेशनशिप में रहने पर ये हैं अधिकार
संविधान किसी भी बालिग को अपनी मर्जी से किसी के साथ रहने का अधिकार देता है
सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि लिव-इन रिलेशनशिप अपराध या अनैतिक नहीं है
सुप्रीम कोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़े को दंपति का दर्जा दिया है
लिव इन में रहने वाली महिला को पार्टनर छोड़ता है तो वो गुजारा भत्ता ले सकती है
महिला को लिव-इन पार्टनर के घर में रहने का अधिकार है
अगर पार्टनर बगैर सहमति के छोड़ता है तो महिला अपने कानूनी अधिकार का इस्तेमाल कर सकती है
SC ने लिव इन में रहने वाली महिला को घरेलू हिंसा से संरक्षण दिया है
सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक लिव इन रिलेशनशिप में जन्मे बच्चे का संपत्ति में अधिकार है
महिला पार्टनर से अलग होने पर बच्चे को अपने पास रख सकती है