पर कई लोग स्लीपवॉकिंग डिसऑर्डर के शिकार होते हैं. आइए बताते हैं इसके पीछे के कारणों को.
नींद पर्याप्त रूप से पूरी ना होने के कारण भी स्लीपवॉकिंग डिसऑर्डर हो जाता है. इसलिए 7-8 घंटे की नींद जरूर लें.
जिन लोगों को तनाव की समस्या होती है. वह भी नींद में चलने के शिकार बन सकते हैं.
शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से भी लोग इस बीमारी से ग्रस्त हो सकते हैं.
स्लीपवॉकिंग डिसऑर्डर को दूर करने के लिए योग और मेडिटेशन का सहारा लिया जा सकता है.
इसके अलावा अपने सोने और जागने का एक निश्चित समय तय करें. ताकी नींद पूरी हो सके.
इन दावों की पुष्टि gnttv.com नहीं करता है. विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.