अटलांटा की यूनिवर्सिटी में रिसर्च से पता चला है कि शादी के लिए लड़के और लड़की के बीच 5 साल का एज गैप सही है.
रिसर्च के अनुसार जिन कपल्स के बीच एज गैप 5 साल होता है, उनमें तलाक की संभावना 18% होती है. एज गैप 10 साल है तो तलाक की संभावना 39% होती है.
रिसर्च के अनुसार जिस कपल के बीच उम्र का फासला जितना अधिक होगा, तलाक की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी.
शादी के लिए उम्र को लेकर एक्सपर्ट्स के कुछ बायोलॉजिकल तर्क हैं. उनके अनुसार लड़के और लड़की के मैच्योरिटी लेवल में फर्क होता है.
लड़कियां जहां 12-14 साल की उम्र में युवावस्था में पहुंच जाती हैं, वहीं लड़कों को अपने युवावस्था में पहुंचने में 14-17 साल लग जाते हैं.
शादी के लिए दोनों व्यक्ति का मैच्योर होना जरूरी होता है, इसलिए लड़के की उम्र लड़की से थोड़ी ज्यादा होनी चाहिए.
एक उम्र के बाद हार्मोन्स में बदलाव होने के कारण लड़कियों पर उम्र का जल्दी असर होने लगता है. इसलिए भी शादी के लिए लड़की की उम्र लड़के से कम होनी चाहिए.
एक रिपोर्ट के अनुसार लड़कों में रिस्पॉन्सिबिलिटी की फीलिंग 26 साल की उम्र तक आती है, जबकि यही फीलिंग लड़कियों में 5 साल पहले आ चुकी होती है. इसलिए भी लड़के की उम्र शादी के लिए अधिक होनी चाहिए.
पति-पत्नी के बीच एक आदर्श एज गैप दोनों के बीच की अंडरस्टैंडिंग को स्ट्रॉन्ग बनाता है, दोनों का ईगो क्लैश नहीं होता और आपसी प्यार बना रहता है.