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हिन्दू धर्म में सिंदूर का विशेष महत्व है और इसे लगाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है. रामायण और महाभारत में भी इसका जिक्र किया गया है.
कुछ राज्यों में विवाह के दौरान दुल्हन को पीले या नारंगी रंग का सिंदूर लगाया जाता है.
आइए जानते हैं कि पीले रंग के सिंदूर क्यों लगाया जाता है.
1. पीले रंग को नवग्रहों और भगवान विष्णु से जोड़ा जाता है. इसे जीवन की रोशनी का प्रतीक माना जाता है.
2. ऐसा कहा जाता है कि शादी-विवाह की समाप्ति पर सुबह होने लगती है. पीले रंग के सिंदूर की तुलना सूर्योदय के समय की हल्की पीली या नारंगी लालिमा से की जाती है, जो एक नई शुरुआत का प्रतीक होती है.
3. जिस तरह सूर्य की किरणें हर दिन नई सुबह और ऊर्जा लेकर आती हैं, उसी तरह पीला सिंदूर दुल्हन की जिंदगी में नया सवेरा और सौभाग्य लेकर आता है.
4. सत्य नारायण भगवान विष्णु को पीला रंग अति प्रिय माना जाता है. इसलिए शुभ और मांगलिक कार्यों में पीला सिंदूर लगाया जाता है.
5. पीले रंग का सिंदूर लगाने से वर-वधु पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है और उनके वैवाहिक जीवन में सुख और शांति बनी रहती है.
इस प्रकार, हिन्दू धर्म में पीले रंग के सिंदूर का विशेष महत्व है और इसे शुभ माना जाता है.