जानिए क्यों खड़े हो जाते हैं इंसान के रोंगटे

आपने महसूस किया होगा कि जब हम अपना कोई फेवरेट गाना सुनते हैं तो बीच-बीच में बॉडी में एक लहर-सी दौड़ जाती है और हमारे रोंगटे खड़े हो जाते हैं.

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ऐसा हमारे साथ कई और परिस्थितियों में भी होता है. जैसे हॉरर फिल्म देखते हुए या फिर सर्दियों में भी ऐसा अक्सर होता रहता है.

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रोंगटे खड़े होने की प्रक्रिया को अंग्रेजी में "goosebumps" कहा जाता है.

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मेडिकल में, रोंगटे खड़े होने को पाइलोएरेक्शन, कटिस एनसेरिना या हॉरिपिलेशन कहा जाता है. यह एक बहुत ही सामान्य शारीरिक घटना है.

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यह तब होता है जब हमारी त्वचा पर छोटे-छोटे उभार बन जाते हैं, जिससे हमारे शरीर पर बाल सीधे खड़े हो जाते हैं. इस घटना को रोंगटे खड़े हो जाना कहा जाता है.

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रोंगटे खड़े होने का वैज्ञानिक कारण एड्रेनालाईन नामक तनाव हार्मोन है.

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जब हम कोई डरावनी फिल्म देखने के कारण डर का अनुभव करते हैं, तो किडनी के ऊपर स्थित एड्रेनल ग्रंथि शरीर में एड्रेनालाईन छोड़ती है.

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एड्रेनालाईन हार्मोन पूरे शरीर में फैल जाता है, जिससे त्वचा के नीचे की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं और परिणामस्वरूप रोंगटे खड़े हो जाते हैं.

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