सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स का डाटा जारी किया है. चलिए सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों के बारे में बताते हैं.
फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज ने सबसे ज्यादा 1368 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं. यह एक लॉटरी कंपनी है.
सबसे ज्यादा बॉन्ड खरीदने वाली दूसरी कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड है, जिसने 966 करोड़ के बॉन्ड खरीदे हैं.
इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड है, जिसने 410 करोड़ रुपए के बॉन्ड खरीदे हैं. यह एक लॉजिस्टिक और सप्लाई चेन कंपनी है.
वेदांता लिमिटेड ने 400 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं. वेदांता देश की सबसे बड़ी माइनिंग कंपनी है.
सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने में हल्दिया एनर्जी लिमिटेड 5वें नंबर पर है. इस कंपनी ने 377 करोड़ रुपए के बॉन्ड खरीदे हैं.
इस लिस्ट में छठे नंबर पर भारती ग्रुप है. जिसने 247 करोड़ रुपए का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा है. यह भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी है.
एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 224 करोड़ रुपए का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा है. यह माइनिंग कंपनी है.
वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने 220 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं. ये कंपनी 2009 में बनी थी.
डेयरी प्रोडक्ट्स का बिजनेस करने वाली कंपनी केवेंटर फूड पूर्क इंफ्रा लिमिटेड ने 194 करोड़ रुपए के बॉन्ड खरीदे हैं.
स्टील मैन्युफैक्चर कंपनी मदनलाल लिमिटेड ने 185.5 करोड़ रुपए का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा है. इस कंपनी का हेडक्वार्टर कोलकाता में है.