अल्लामा इकबाल की 10 बेहतरीन शायरी

अल्लामा इकबाल के नाम से मशहूर मोहम्मद इकबाल ने कई मशहूर शेर लिखे, जो आज भी लोगों की जुबान पर रहते हैं.

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खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले
, खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है

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तिरे सीने में दम है दिल नहीं है, तिरा दम गर्मी-ए-महफिल नहीं है...गुजर जा अक्ल से आगे ये नूर, चराग ए राह है मंजिल नहीं है!

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अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान ए अक्ल... लेकिन कभी-कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे

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अपने मन में डूबकर पा जा सुराग-ए-जिंदगी... तू अगर मेरा नहीं बनता न बन अपना तो बन

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इश्क भी हो हिजाब में हुस्न भी हो हिजाब में... या तो खुद आश्कार हो या मुझे आश्कार कर

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हजारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है... बड़ी मुश्किल से होता चमन में दीदा-वर पैदा

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सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा... हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसितां हमारा

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मन की दौलत हाथ आती है तो फिर जाती नहीं... तन की दौलत छांव है आता है धन जाता है धन

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दुनिया की महफिलों से उकता गया हूं या रब... क्या लुत्फ अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो

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