रेलवे को भारत की लाइफ लाइन कहा जाता है. लेकिन इसके कुछ ऐसे नियम हैं जो सभी को पता होने चाहिए.
ट्रेन में तेज आवाज में संगीत बजाने और फोन कॉल पर तेज आवाज में बात करने के भी नियम हैं. ऑन-बोर्ड टीटीई, कैटरिंग स्टाफ और दूसरे रेलवे कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि वे ट्रेनों में सार्वजनिक शिष्टाचार बनाए रखें.
अगर आप ट्रेन में एसी कोच से यात्रा कर रहे हैं तो आप अधिकतम 70 किलो, स्लीपर क्लास में 40 किलो और सेकेंड क्लास में 35 किलो सामान मुफ्त ले जा सकते हैं.
अगर आपको ट्रेन में बीच वाली बर्थ दी गई है तो आप रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ही अपनी बर्थ पर सो सकते हैं. दिन में आप नीचे वाली बर्थ पर बैठ सकते हैं.
ट्रेन में चेन पुलिंग की अनुमति केवल तभी दी जाती है जब किसी साथ वाले की ट्रेन छूट जाए, ट्रेन में किसी प्रकार की दुर्घटना हो जाए या दूसरी कोई इमरजेंसी हो.
यात्रियों का डिबोर्डिंग स्टेशन छूट जाता है तो ऐसे मामलों में, यात्री टिकट कलेक्टर से लंबी यात्रा के लिए टिकट बनाने के लिए कह सकते हैं.
रात 10 बजे के बाद टीटीई आपका टिकट चेक करने नहीं आ सकता और ग्रुप में यात्रा करने वाले यात्री रात 10 बजे के बाद तेज आवाज में बातचीत नहीं कर सकते.
ट्रेन सर्विस में ऑनलाइन खाना रात 10 बजे के बाद नहीं परोसा जा सकता.
अगर पीआरएस काउंटर से टिकट खरीदा है तो वेटिंग लिस्ट में होने के बाद भी आप ट्रेन में सफर कर सकते हैं.
अगर आप घूमने के लिए प्रसिद्ध स्थलों की यात्रा ट्रेन से कर रहे हैं तो आप सर्कुलर टिकट ले सकते हैं.