सोमनाथ मंदिर को भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला माना जाता है. ऋग्वेद के अनुसार इसे चंद्रदेव सोमराज ने बनाया था.
मान्यता है कि भगवान चंद्रदेव ने सोने से मंदिर का निर्माण किया था. जबकि सूर्य ने चांदी और कृष्ण ने चंदन की लकड़ी का योगदान दिया था.
11 मई 1951 को पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने उस सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन किया था, जो वर्तमान में मौजूद है.
मंदिर के शिखर पर 10 टन का कलश है और इसकी ध्वजा 27 फीट ऊंची है.
सोमनाथ मंदिर को प्रभास क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है. यहीं पर भगवान श्रीकृष्ण ने अपना देहत्याग किया था.
सोमनाथ मंदिर ऐसे स्थान पर है, जहां मंदिर और दक्षिणी ध्रुव के बीच कोई जमीन नहीं है.
मंदिर को महमूद गजनवी, खिलजी, महमूद बेगड़ा और औरंगजेब ने नष्ट किया था. लेकिन हर बार फिर से इसका निर्माण किया गया.
गजनवी ने साल 1025 में 5000 लोगों के साथ मंदिर हमला किया था और इसे नष्ट कर दिया था.
आगरा में रखा गया देवद्वार सोमनाथ मंदिर का है, इसे मोहम्मद गजनवी लूट कर अपने साथ ले गया था.