लीडर बनने के लिए खुद की गलतियों से सीखना जरूरी है. ऐसा करने वाले इंसान जल्द लक्ष्य पा लेते हैं.
चाणक्य कहते हैं कि खुद गलती करने की बजाय दूसरों की गलतियों से सीखना चाहिए.
लीडर को बहुत ज्यादा ईमानदारी नहीं दिखानी चाहिए. वो कहते हैं कि सीधा पेड़ सबसे पहले काटा जाता है.
ईमानदार लोगों को सबसे पहले नुकसान उठाना पड़ता है. चाणक्य कहते हैं कि ईमानदारी के साथ सतर्कता भी जरूरी है.
चाणक्य कहते हैं कि अपने साथ के लोगों के साथ आप वैसा ही स्वभाव रखें जैसा खुद के लिए आप पसंद करते हैं.
एक लीडर को आगे बढ़ने की अपनी योजना को किसी दूसरे से शेयर नहीं करना चाहिए.
लीडर वही बनता है जो सीखने में कभी संकोच नहीं करता. निरंतर सीखते रहना ही सफलता की कुंजी है.
कामयाब लीडर वही है तो जो अपनी अच्छाई को नहीं छोड़ता है. अच्छाई की खूब सराहना होती है.
चाणक्य कहते हैं कि किसी भी प्रकार के हालात में अच्छाई का रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए. गलत लोगों से दूरी बनाए रखना चाहिए.