मशहूर शायर तहज़ीब हाफ़ी युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं.
By-Ketan Kundan
पाकिस्तान में जन्मे ख़ूबसूरत लब-ओ-लहजे के शायर हाफ़ी को न सिर्फ पाक में बल्कि भारत में भी खुब पसंद किया जाता है.
हाफी ने सॉफ्टवेयर इंजीनिरिंग की पढ़ाई की है लेकिन शायरी ने उन्हें पहचान दिलाई. आज हम आपके लिए उन्हीं के 10 चुनिंदा शेर लेकर आए हैं.
आईने आंख में चुभते थे बिस्तर से बदन कतराता था एक याद बसर करती थी मुझे मैं सांस नहीं ले पाता था
पराई आग पे रोटी नहीं बनाऊँगा मैं भीग जाऊँगा छतरी नहीं बनाऊँगा अगर ख़ुदा ने बनाने का इख़्तियार दिया अलम बनाऊँगा बर्छी नहीं बनाऊँगा फ़रेब दे के तिरा जिस्म जीत लूँ लेकिन मैं पेड़ काट के कश्ती नहीं बनाऊँगा
तेरा चुप रहना मेरे ज़ेहन में क्या बैठ गया, इतनी आवाज़ें तुझे दीं कि गला बैठ गया यूँ नहीं है कि फ़क़त मैं ही उसे चाहता हूँ, जो भी उस पेड़ की छाँव में गया बैठ गया
अपनी मस्ती में बहता दरिया हूँ मैं किनारा भी हूँ भँवर भी हूँ
बता ऐ अब्र मुसावात क्यूँ नहीं करता हमारे गाँव में बरसात क्यूँ नहीं करता
तुम्हें हुस्न पर दस्तरस है मोहब्बत वोहब्बत बड़ा जानते हो तो फिर ये बताओ कि तुम उसकी आंखों के बारे में क्या जानते हो ये ज्योग्राफिया, फ़लसफ़ा, साइकोलॉजी, साइंस, रियाज़ी वगैरह ये सब जानना भी अहम है मगर उसके घर का पता जानते हो ?
तुझ को पाने में मसअला ये है तुझ को खोने के वसवसे रहेंगे
नींद ऐसी कि रात कम पड़ जाए ख़्वाब ऐसा कि मुँह खुला रह जाए
ये एक बात समझने में रात हो गई है मैं उस से जीत गया हूँ कि मात हो गई है
कोई कमरे में आग तापता हो कोई बारिश में भीगता रह जाए