नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योति जलाना मां दुर्गा की आराधना का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है. ज्योति जलाने से घर में सकारात्मकता और शांति का वास होता है.
अखंड ज्योति का मतलब है, वह दीपक जो लगातार 9 दिनों तक जलता रहे. यह दीपक एक बार भी बुझना नहीं चाहिए. इसके लिए कुछ खास नियम और सावधानियां होती हैं जिनका पालन करना जरूरी है ताकि पूजा सफल हो और मां दुर्गा की कृपा प्राप्त हो सके.
बात करें नवरात्रि की अखंड ज्योति के नियम की तो ज्योति जलाने से पहले आपको घर और पूजा स्थल की सफाई करनी चाहिए.
ज्योति को हमेशा एक सुरक्षित और शांत स्थान पर रखें, जहां हवा का झोंका या अन्य कोई चीज उसे बुझा न सके.
धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, अखंड ज्योति को हमेशा पूजा स्थान या घर के मंदिर के उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना चाहिए.
नवरात्रि में जगतजननी मां दुर्गा और उनके 9 रूपों की पूजा के साथ-साथ अखंड ज्योति की पूजा भी करनी चाहिए, क्योंकि हिन्दू धर्म में अखंड ज्योति को देवी मां का प्रतीक माना जाता है.
मान्यता के अनुसार जिस घर में अखंड ज्योति स्थापित की जाती है, उस घर को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए. यानी कोई न कोई सदस्य हमेशा घर में रहे.
अखंड ज्योति की पवित्रता को बनाए रखने के लिए घर में भूल कर भी मांस, मछली, अंडा, प्याज़, लहसुन, शराब, तंबाकू, जैसे नशीले चीजों का इस्तेमाल न करें. इन चीजों के सेवन से आपका व्रत टूट सकता हैं.
जो लोग अखंड ज्योति स्थापित करते हैं, उन्हे ज्योति के पास बैठकर मत रानी के मंत्रों का जाप और ध्यान के साथ प्रति दिन आरती आवश्य करनी चाहिए