हिंदू धर्म में अमरनाथ यात्रा को बहुत पवित्र माना जाता है. शिव भक्त हर साल इस यात्रा का बेसब्री से इंतजार करते हैं.
बाबा बर्फानी यानी अमरनाथ यात्रा इस साल 1 जुलाई से शुरू हो रही है, जो 62 दिनों तक चलेगी.
बाबा बर्फानी की इस गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था इसलिए इसे अमरनाथ कहा जाता है.
यहां भगवान शिव बर्फ के शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं, मान्यता है जो शिव के इस स्वरूप का दर्शन कर लेता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
इस गुफा के बारे में हैरान करनेवाली बात यह है कि बर्फ का शिवलिंग बनने के लिए गुफा में पानी का स्रोत क्या है, यह अब तक एक अनसुलझी पहेली है.
अमरनाथ गुफा में शिवलिंग के साथ ही मां पार्वती, श्रीगणेश और भैरव बाबा के हिमखंड भी निर्मित होते हैं.
अमरनाथ की गुफा में शिव जी जब देवी पार्वती को कथा सुनाने के लिए ले गए तब उन्होंने अपने गणों को अलग-अलग स्थानों पर छोड़ दिया था.
इस गुफा में पार्वती शक्तिपीठ स्थित है, जो माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है. धार्मिक मान्यता है कि इस जगह पर माता सती का कंठ गिरा था.
मान्यता है कि अमरनाथ गुफा में कबूतर का एक जोड़ा रहता है. इस जोड़े को अमर बताया जाता है.
अमरनाथ गुफा की खोज बुट्टा मलिक नामक एक गड़रिया ने की थी.