ISRO के गगनयान क्रू मॉड्यूल में बैठकर अंतरिक्ष यात्री धरती के चारों तरफ चक्कर लगाने वाले हैं.
गगनयान क्रू मॉड्यूल के अंदर का नजारा कैसा होगा, बैठने की व्यवस्था कैसी होगी, मॉनिटर या पायलट कंट्रोल कहां होगा ये सब हम बता रहे हैं.
गगनयान क्रू मॉड्यूल में भारतीय अंतरिक्षयात्री यानी गगननॉट्स धरती के चारों तरफ 400 किलोमीटर की ऊंचाई वाली निचली कक्षा में चक्कर लगाएंगे.
क्रू मॉड्यूल डबल दीवार वाला मॉर्डन केबिन है, जिसमें नेविगेशन सिस्टम, फूड स्टोरेज, हेल्थ सिस्टम सहित कई सुविधाएं होंगी.
क्रू मॉड्यूल में लाइफ सपोर्ट सिस्टम होगा. यह हाई और लो टेम्प्रेचर को मेंटेन करेगा. इसके साथ ही अंतरिक्ष के रेडिएशन से गगननॉट्स को बचाएगा.
वायुमंडल से बाहर जाते समय अंदर बैठे हुए अंतरिक्षयात्रियों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी.
हीट शील्ड वायुमंडल के घर्षण से पैदा गर्मी से तो बचाएगा ही साथ ही समुद्र में लैंडिंग के समय पानी की टकराहट से लगने वाली चोट से भी बचाव करेगा.
क्रू मॉड्यूल में दो लोगों की बैठने की व्यवस्था है. इसके अलावा इसमें दो तरह के मॉनीटर लगाए गए हैं. जो इसके नेविगेशन, लैंडिंग और पैराशूट खुलने सहित कई निर्देशों को देने में मदद करेगा.
अंतरिक्षयात्रियों को धरती की निचली कक्षा में ले जाने से पहले गगनयान के क्रू मॉड्यूल के दो मानवरहित मिशन पूरे किए जाएंगे.
ये मिशन 16 मिनट में अपने निर्धारित कक्षा में पहुंच जाएगा. कू् मॉड्यूल का व्यास 11 फीट, ऊंचाई 11.7 फीट और वजन 3735 किलोग्राम है.
गगनयान क्रू मॉड्यूल की पहली इंसानी उड़ान 2024 से पहले नहीं हो पाएगी. क्योंकि अंतरिक्षयात्रियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा.